समुद्र मंथन को अगर
लाइफ मैनेजमेंट के नजरिए से देखा जाए तो हम पाएंगे कि सीधे-सीधे किसी को
अमृत (परमात्मा) नहीं मिलता। उसके लिए पहले मन को विकारों को दूर करना
पड़ता है तथा अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करना पड़ता है। समुद्र मंथन में
14 नंबर पर अमृत निकला था। इस 14 अंक का अर्थ है ये है 5 कमेन्द्रियां, 5
जनेन्द्रियां तथा अन्य 4 हैं- मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। इन सभी पर
नियंत्रण करने के बाद में परमात्मा प्राप्त होते हैं।
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