कुंदरूपारा के रहने वाला जोधन लाल ठाकुर 60 वर्ष का निधन आज सुबह 5 बजे हो गया। उनकी तबियत खराब थी। वह शहर के चोपड़ा बासा में 6 साल से काम करता था। एक कुत्ता जिसे भोलू नाम दिया गया है यह भी चोपड़ा बासा में बचपन से रहता था। जैसे ही जोधन के बेटे राजकुमार ने सुबह होटल में आकर अपने पिता के निधन की जानकारी दी। यह कुत्ता भी दुखी हो गया।
तत्काल होटल के संचालक विकास चोपड़ा, धीरज चोपड़ा ने होटल बंद कर दिया। उनके साथ होटल में काम करने वाले सभी लोग जोधन के घर पहुंचे। उनके साथ साथ कुत्ता भी आया। घर से जब जोधन की अंतिम यात्रा निकाली गई तो वह भी कुन्दरुपारा के मुक्ति धाम में पहुंचा। वहां जोधन को दफनाया गया। उनके दफनाते तक कुत्ता वहीं पर उदास बैठा रहा। मुक्ति धाम में दफनाने के बाद जब तालाब का काम हुआ तो वहां भी कुत्ते ने तालाब में स्वयं से स्नान किया।
यह सब देखकर अंतिम यात्रा में आये लोग भी आश्चर्य में पड़ गए। कुत्ते की दोस्ती को देख सबकी आँखे भर आई। बताया गया कि जोधन और भोलू के बीच गहरी दोस्ती थी। दोस्त के निधन पर आज दिन भर भोलू ने खाना भी नहीं खाया। विकास चोपड़ा ने बताया कि कुत्ते को हमने बचपन से रखा है। जोधन भी हमारा सबसे अच्छा सहयोगी था।
courtesy: naidunia.jagran.com
तत्काल होटल के संचालक विकास चोपड़ा, धीरज चोपड़ा ने होटल बंद कर दिया। उनके साथ होटल में काम करने वाले सभी लोग जोधन के घर पहुंचे। उनके साथ साथ कुत्ता भी आया। घर से जब जोधन की अंतिम यात्रा निकाली गई तो वह भी कुन्दरुपारा के मुक्ति धाम में पहुंचा। वहां जोधन को दफनाया गया। उनके दफनाते तक कुत्ता वहीं पर उदास बैठा रहा। मुक्ति धाम में दफनाने के बाद जब तालाब का काम हुआ तो वहां भी कुत्ते ने तालाब में स्वयं से स्नान किया।
यह सब देखकर अंतिम यात्रा में आये लोग भी आश्चर्य में पड़ गए। कुत्ते की दोस्ती को देख सबकी आँखे भर आई। बताया गया कि जोधन और भोलू के बीच गहरी दोस्ती थी। दोस्त के निधन पर आज दिन भर भोलू ने खाना भी नहीं खाया। विकास चोपड़ा ने बताया कि कुत्ते को हमने बचपन से रखा है। जोधन भी हमारा सबसे अच्छा सहयोगी था।
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