आज सुना मैंने कि कुछ लोग फर्जी डिग्री के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं.... कभी सुनता हूँ कि एक मन्त्री जी कह रहे हैं कि किसान कायर और अपराधी होते हैं इसलिए आत्महत्या करते हैं, कभी कुछ लोगों को देखता हूँ सड़कों में डंडा और झन्डा लिए घूमते हुए धर्म की रक्षा करने के लिए.... लेकिन कभी देखा नहीं कि उन्होंने धर्म को छुपा कर कहाँ रखा हुआ है जिसकी वे रक्षा कर रहे हैं...
वहीँ जब देखता हूँ कि कुछ वे जीव जिनके पास न तो कोई डिग्री है, न ही कोई धर्मशास्त्रों का ज्ञान और न ही कोई धर्मगुरु... वे न धर्म को समझते हैं, बल्कि धर्मानुसार आचरण भी कर रहे होते हैं | कभी नहीं देखा इनको जयकारा लगाते हुए, कभी नहीं देखा इनको धरना प्रदर्शन करते हुए... लेकिन सारे काम सहजता से करते हुए जीवन का भरपूर आनंद लेते हुए ईश्वर को गर्व करने का अवसर देते हैं | बस ईश्वर दुखी है इंसान नामक जीव बनाकर | जब से इंसानों को बनाया है, इंसान न खुद चैन से रहा और न ही ईश्वर को चैन से रहने दिया | ~विशुद्ध चैतन्य
वहीँ जब देखता हूँ कि कुछ वे जीव जिनके पास न तो कोई डिग्री है, न ही कोई धर्मशास्त्रों का ज्ञान और न ही कोई धर्मगुरु... वे न धर्म को समझते हैं, बल्कि धर्मानुसार आचरण भी कर रहे होते हैं | कभी नहीं देखा इनको जयकारा लगाते हुए, कभी नहीं देखा इनको धरना प्रदर्शन करते हुए... लेकिन सारे काम सहजता से करते हुए जीवन का भरपूर आनंद लेते हुए ईश्वर को गर्व करने का अवसर देते हैं | बस ईश्वर दुखी है इंसान नामक जीव बनाकर | जब से इंसानों को बनाया है, इंसान न खुद चैन से रहा और न ही ईश्वर को चैन से रहने दिया | ~विशुद्ध चैतन्य