26 अप्रैल 2015

होशपूर्वक खाना और पीना



भोजन करते हुए या पानी पीते हुए भोजन या पानी का स्वाद ही बन जाओ, और उससे भर जाओ। हम खाते रहते...
Posted by ओशो प्रवचन on Saturday, April 25, 2015