आज कल हिन्दुओं की एकता पर बहुत ही बल दिया जा रहा, 'जातिवाद मुक्त हिन्दू एकता' का प्रचार प्रसार बहुत ही अधिक हो गया है | यह एक अच्छी बात है एकता होनी ही चाहिए लेकिन....
इस एकता का कोई नायक भी होगा और वह नायक शुद्ध शाकाहारी ब्राह्मण होगा | अब इस एकता में सभी को उस ब्राह्मण के बनाए नियमों के अंतर्गत होना पड़ेगा | इस हिंदुत्व-एकता नाम के दड़बे का मालिक योगी आदित्यनाथ या तोगड़िया होंगे |
इस दडबे में शूद्रों की भी आवश्यकता है क्योंकि झाड़ू-पोंछा करने वाले, पैर दबाने वाले, मालिश करने वाले, बर्तन धोने वालों की भी आवश्यकता है | लेकिन इस 'हिंदुत्व एकता' नामक दड़बे में मांसाहारियों को स्थान नहीं मिलेगा, हाँ विदेशी हुए और आर्थिक रूप से मजबूत हुए तो उनके लिए मांस की व्यवस्था खुद मोदी जी करवा देंगे जैसे कि ओबामा के साथ आये पत्रकारों और अतिथियों के लिए करवाए गए थे | लेकिन यदि गरीब हैं तो माँसाहार की बात करना भी हिन्दू-एकता नामक दडबे में पाप माना जाएगा | जिसको आदित्यनाथ और तोगड़िया भगवान कहेंगे उसी को भगवान मानना होगा, जिसे वे श्री कृष्ण कहेंगे उसे ही श्री कृष्ण मानना होगा.... ब्राहमणों की पसंद के विरुद्ध जो कुछ करेंगे वह पाप है लेकिन ब्राह्मणों को कोई पाप नहीं लगेगा चाहे वे कोई भी अनैतिक कार्य करें जैसे; भूमि-हथियाना, ठगी करना, झूठ बोलना, इन सब के लिए केवल ब्राह्मणों को ही छूट है बाकी सभी लोगों के लिए पाप है |
तो अब तय आप लोगों को करना है कि यह एकता की बात हो रही है या राजनैतिक धंधे की !
यह लिंक देखिये कैसे कुछ जगहों पर आज भी ब्राह्मणों के 'जूठन से दलितों का इलाज' होता है
इस एकता का कोई नायक भी होगा और वह नायक शुद्ध शाकाहारी ब्राह्मण होगा | अब इस एकता में सभी को उस ब्राह्मण के बनाए नियमों के अंतर्गत होना पड़ेगा | इस हिंदुत्व-एकता नाम के दड़बे का मालिक योगी आदित्यनाथ या तोगड़िया होंगे |
इस दडबे में शूद्रों की भी आवश्यकता है क्योंकि झाड़ू-पोंछा करने वाले, पैर दबाने वाले, मालिश करने वाले, बर्तन धोने वालों की भी आवश्यकता है | लेकिन इस 'हिंदुत्व एकता' नामक दड़बे में मांसाहारियों को स्थान नहीं मिलेगा, हाँ विदेशी हुए और आर्थिक रूप से मजबूत हुए तो उनके लिए मांस की व्यवस्था खुद मोदी जी करवा देंगे जैसे कि ओबामा के साथ आये पत्रकारों और अतिथियों के लिए करवाए गए थे | लेकिन यदि गरीब हैं तो माँसाहार की बात करना भी हिन्दू-एकता नामक दडबे में पाप माना जाएगा | जिसको आदित्यनाथ और तोगड़िया भगवान कहेंगे उसी को भगवान मानना होगा, जिसे वे श्री कृष्ण कहेंगे उसे ही श्री कृष्ण मानना होगा.... ब्राहमणों की पसंद के विरुद्ध जो कुछ करेंगे वह पाप है लेकिन ब्राह्मणों को कोई पाप नहीं लगेगा चाहे वे कोई भी अनैतिक कार्य करें जैसे; भूमि-हथियाना, ठगी करना, झूठ बोलना, इन सब के लिए केवल ब्राह्मणों को ही छूट है बाकी सभी लोगों के लिए पाप है |
तो अब तय आप लोगों को करना है कि यह एकता की बात हो रही है या राजनैतिक धंधे की !
एकता का अर्थ दड़बा नहीं होता है, एकता का अर्थ होता है विभिन्न विचारधाराओं और परम्पराओं के लोगों का किसी एक उद्देश्य के लिए संगठित होना बिना अपनी गरिमा खोये | और उद्देश्य कोई महान कार्य होना चाहिए जैसे राष्ट्र को सशक्त करना, नागरिकों के हित के लिए कोई महत्वपूर्ण कार्य, न्याय व्यवस्था को आय व्यवस्था से बाहर निकालकर पुनः न्याय व्यवस्था में रूपांतरित करना... आदि | हिन्दू-मुस्लिम राष्ट्र वाली कबीलाई सोच से बाहर निकलना आवश्यक है आधुनिक युग में तभी कुछ सार्थक कर पाएंगे हम | ~ विशुद्ध चैतन्य
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