तुझे सारी बुराई हिन्दुओं और हिन्दू धर्म में ही दिखती है, मुसलमानों की बुराई नहीं दिखाई देती ? तुझे नहीं दिखाई देता कि एक बूढ़े हिन्दू को पुलिस वाले ने कितना मारा पकिस्तान में ? तुझे नहीं दिखाई देता बांग्लादेश में हिन्दुओं का जीना हराम कर दिया इन...... ने | बड़ी उम्मीदें थी आपसे... लेकिन आप तो संन्यासी के भेस में कुछ और निकले ! मुसलमान इतने ही प्यारे हैं तो ये भगवा उतार और मुसलमान हो जा.. फिर जो मन करे लिखते रहना !

उपरोक्त शिकायतें अक्सर मेरे पास आती रहतीं हैं संघी-बजरंगियों, हिंदुत्व के ठेकदारों और उनके दुमछल्लों की तरफ से |
मैं पहले भी कई बार पूछ चुका हूँ कि मेरा कोई एक भी ऐसा पोस्ट दिखा दीजिये जो आपके कथानुसार तथाकथित हिन्दू धर्म, हिंदुत्व या हिन्दुओं की बुराई करता हो, या मजाक उड़ाता हो... लेकिन मुझे आज तक आपने तो क्या किसी भी हिंदुत्व के ठेकेदार ने नहीं दिखाया | जब तक बताओगे नहीं, दिखाओगे नहीं, मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा कौन सा पोस्ट हिन्दू विरोधी है ?
दूसरी बात यह कि तुम मुस्लिमों और इस्लाम से नफरत में इतने अंधे हो चुके हो कि मेरा यह पोस्ट भी तुम्हारी सर के ऊपर निकल गया | अगर मेरा एक भी पोस्ट तुमने समझ लिया होता तो कम से कम वही हरकत नहीं करते यहाँ जो संघी-बजरंगी करते और हिंदुत्व के ठेकेदार करते हैं | न तो तुम्हें वेदों की वाणी समझ में आई, न गीता समझ में आई, न मनुस्मृति समझ में आई... और निकल पड़े क़ुरान पढने ? जब अपने ही धर्मग्रंथों की बातें समझ में नहीं आई, जब अपना ही धर्म समझ में नहीं आया, तो फिर दूसरों के धर्म और उनकी धार्मिक ग्रंथों को कैसे समझ पाओगे ?
आज तक न जाने कितने मुस्लिमों से तुम मिले होगे, न जाने कितने मुस्लिमों से बाल कटवाए होगे, न जाने कितने मुस्लिम तुम्हारे अपने ही आसपास रहते होंगे, न जाने कितने मुस्लिमो के साथ तुमने सफर किया होगा... और मुझे नहीं लगता कि वे सभी लोग तुम्हारे पीछे छुरा तलवार लेकर दौड़े होंगे.... लेकिन तुम लोगों को नफरत फैलाना है समाज में, तुम लोगों को देश में दंगा करवाना है, तुम लोगों को हर संभव वह काम करना है, जिससे देश में अशांति व उपद्रव का माहौल बना रहे | ताकि फिर से भारत खंडित करने के, १९४७ दोहराने के अपने सपनों को पूरा कर सको... क्योंकि जब तक भारत खंड खंड नहीं हो जाता तुम लोगों को चैन नहीं पड़ेगा क्योंकि जाते हुए फिरंगियों से यही वादा जो किया था |
तुम लोगों ने आजतक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसे राष्ट्र में एकता और शांति बने, आजतक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे कृषियोग्य भूमि को भूमाफियाओं से बचाया जा सके, ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे वन और प्राकृतिक संपदाओं की रक्षा हो सके... अरे यह सब छोडो, तुम लोगों ने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे अपने ही धर्म व मतों के अनुयाइयों की गरीबी दूर हो सके, उनपर हो रहे अत्याचार और शोषण को रोका जा सके... किया है ऐसा कोई काम ? दिलाया है किसी गरीब को इन्साफ ? किसी गरीब की छीनी हुई भूमि वापस दिलवाई उसे ?
नहीं न ?
क्योंकि क़ुरान पढने में व्यस्त थे, पकिस्तान, बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करने में व्यस्त थे... इसलिए अपने देश के हिन्दुओं पर हिन्दुओ द्वारा हो रहे अत्याचार और शोषण देखने की फुर्सत ही नहीं मिली पिछले नौ दशकों में | ~विशुद्ध चैतन्य

उपरोक्त शिकायतें अक्सर मेरे पास आती रहतीं हैं संघी-बजरंगियों, हिंदुत्व के ठेकदारों और उनके दुमछल्लों की तरफ से |
मैं पहले भी कई बार पूछ चुका हूँ कि मेरा कोई एक भी ऐसा पोस्ट दिखा दीजिये जो आपके कथानुसार तथाकथित हिन्दू धर्म, हिंदुत्व या हिन्दुओं की बुराई करता हो, या मजाक उड़ाता हो... लेकिन मुझे आज तक आपने तो क्या किसी भी हिंदुत्व के ठेकेदार ने नहीं दिखाया | जब तक बताओगे नहीं, दिखाओगे नहीं, मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा कौन सा पोस्ट हिन्दू विरोधी है ?
दूसरी बात यह कि तुम मुस्लिमों और इस्लाम से नफरत में इतने अंधे हो चुके हो कि मेरा यह पोस्ट भी तुम्हारी सर के ऊपर निकल गया | अगर मेरा एक भी पोस्ट तुमने समझ लिया होता तो कम से कम वही हरकत नहीं करते यहाँ जो संघी-बजरंगी करते और हिंदुत्व के ठेकेदार करते हैं | न तो तुम्हें वेदों की वाणी समझ में आई, न गीता समझ में आई, न मनुस्मृति समझ में आई... और निकल पड़े क़ुरान पढने ? जब अपने ही धर्मग्रंथों की बातें समझ में नहीं आई, जब अपना ही धर्म समझ में नहीं आया, तो फिर दूसरों के धर्म और उनकी धार्मिक ग्रंथों को कैसे समझ पाओगे ?
आज तक न जाने कितने मुस्लिमों से तुम मिले होगे, न जाने कितने मुस्लिमों से बाल कटवाए होगे, न जाने कितने मुस्लिम तुम्हारे अपने ही आसपास रहते होंगे, न जाने कितने मुस्लिमो के साथ तुमने सफर किया होगा... और मुझे नहीं लगता कि वे सभी लोग तुम्हारे पीछे छुरा तलवार लेकर दौड़े होंगे.... लेकिन तुम लोगों को नफरत फैलाना है समाज में, तुम लोगों को देश में दंगा करवाना है, तुम लोगों को हर संभव वह काम करना है, जिससे देश में अशांति व उपद्रव का माहौल बना रहे | ताकि फिर से भारत खंडित करने के, १९४७ दोहराने के अपने सपनों को पूरा कर सको... क्योंकि जब तक भारत खंड खंड नहीं हो जाता तुम लोगों को चैन नहीं पड़ेगा क्योंकि जाते हुए फिरंगियों से यही वादा जो किया था |
तुम लोगों ने आजतक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसे राष्ट्र में एकता और शांति बने, आजतक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे कृषियोग्य भूमि को भूमाफियाओं से बचाया जा सके, ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे वन और प्राकृतिक संपदाओं की रक्षा हो सके... अरे यह सब छोडो, तुम लोगों ने आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे अपने ही धर्म व मतों के अनुयाइयों की गरीबी दूर हो सके, उनपर हो रहे अत्याचार और शोषण को रोका जा सके... किया है ऐसा कोई काम ? दिलाया है किसी गरीब को इन्साफ ? किसी गरीब की छीनी हुई भूमि वापस दिलवाई उसे ?
नहीं न ?
क्योंकि क़ुरान पढने में व्यस्त थे, पकिस्तान, बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करने में व्यस्त थे... इसलिए अपने देश के हिन्दुओं पर हिन्दुओ द्वारा हो रहे अत्याचार और शोषण देखने की फुर्सत ही नहीं मिली पिछले नौ दशकों में | ~विशुद्ध चैतन्य
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