विकास एक सनातन प्रक्रिया है और विकास के लिए को विशेष प्रयोजन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती | हम इतिहास उठाकर देखें तो मानव ही नहीं, पशुओं ने भी काफी विकास किया है | और अब विकास का स्तर इतना उठ गया है पशुओं में कि उनमें अभिनय कौशल बहुत ही निखर गया है | नेताओं और भिखारियों की महँगाई की तरह बेलगाम बढ़ती आबादी के कारण पशुओं को भी अपनी सर्वाइवल के लिए अभिनय का सहारा लेना पड़ रहा है | यह देखिये....
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