26 मार्च 2014

एकाएक आंसूओं की धारा बहने लगी

रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले लड़के की नजरें अचानक एक बुजुर्ग दंपति पर पड़ी। उसने देखा कि वो बुजुर्गपति अपनी पत्नी का हाथ पकड़कर उसे सहारा देते हुए चल रहा था। थोड़ी दूर जाकर वो दंपति एक खाली जगह देखकर बैठ गए। कपड़ो के पहनावे से वो गरीब ही लग रहे थे।

तभी ट्रेन के आने के संकेत हुए और वो चाय वाला अपने काम में लग गया।शाम में जब वो चाय वाला वापिस स्टेशन पर आया तो देखा कि वो बुजुर्ग दंपति अभी भी उसी जगह बैठेहुए है। वो उन्हें देखकर कुछ सोच में पड़ गया।

देर रात तक जब चाय वाले ने उन बुजुर्ग दंपति को उसी जगह पर देखा तो वो उनके पास गया और उनसे पूछने लगा कि बाबा आप सुबह से यहाँ क्या कर रहे है? आपको जाना कहाँ है?

बुजुर्ग पति ने अपना जेब से कागज का एक टुकड़ा निकालकर चाय वाले को दिया और कहा कि बेटा हम दोनों में से किसी को पढ़ना नहीं आता, इस कागज में मेरे बड़े बेटे का पता लिखा हुआ है। मेरे छोटे बेटे ने कहा था कि अगर भैया आपको लेने ना आ पाये तो किसी को भी ये पता बता देना, आपको सही जगह पहुँचा देगा।

चाय वाले ने उत्सुकतावश जब वो कागज खोला तो उसकी आँखों से एकाएक आंसूओं की धारा बहने लगी।



उस कागज में लिखा था कि कृपया इन दोनों को आपके शहर के किसी वृध्दाश्रम में भर्ती करा दीजिए, बहुत बहुत मेहरबानी होगी।

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