
मेसोपोटामिया की सभ्यता, इतिहास और पुरातत्व के विशेषज्ञ और भोजन पकाने के शौकीन ज्यां बोटेरो को कुछ लोग इनका अर्थ समझाने का श्रेय देते हैं। उन्होंने बताया कि इस पट्टी पर बहुत ही परिष्कृत और कलात्मक व्यंजनों को पकाने की विधि लिखी है। एक खास चीज का स्वाद उन लोगों को कुछ ज्यादा ही भाता था।
बोटेरो कहते हैं, "प्याज परिवार की सब्जियां उन लोगों को कुछ ज्यादा ही पसंद थीं।" मेसोपोटामिया के लोग प्याज, हरी प्याज, छोटी प्याज और लहसुन का खाने में प्रयोग करते थे।
प्याज के प्रति प्यार 4000 साल बाद आज भी बरकरार है। दुनिया में पाक-कला की शायद ही कोई ऐसी किताब हो, जिसमें प्याज का जिक्र न हो। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया के करीब 175 देश प्याज पैदा करते हैं। यह संख्या गेहूं पैदा करने वाले देशों से लगभग दोगुनी है। ज्यादातर खास पकवानों में प्याज जरूर पडता है। कुछ लोग तो मानते हैं कि यह एकमात्र वैश्विक खाद्य पदार्थ है।
आजकल प्याज का अंतरराष्ट्रीय कारोबार बहुत ज्यादा नहीं होता। करीब 90 प्रतिशत प्याज उसे पैदा करने वाले देश में खप जाता है। शायद यही वजह है कि दुनिया के ज्यादातर हिस्से में प्याज पर बहुत ध्यान नहीं जाता। चीन और भारत मिलकर दुनिया के कुल उत्पादन (सात करोड टन) का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा पैदा करते हैं। मगर प्रति व्यक्ति प्याज की खपत के लिहाज से दुनिया में सबसे अधिक प्याज लीबिया में खाई जाती है।
साल 2011 के संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन के मुताबिक लीबिया में हर व्यक्ति औसतन 33।6 किलो प्याज सालाना उपयोग करता है। लीबिया के मेरे एक दोस्त ने कहा, "हम लगभग हर चीज में प्याज डालते हैं।"

ब्रिटेन में कई लोगों की मान्यता है कि फ्रांस में बहुत प्याज खाई जाती है लेकिन फ्रांस का औसत 5।6 किलो प्रति व्यक्ति ही है। एक ऐसा देश भी है, जहां प्याज खबरों में जगह पाती है और वह देश है भारत। अगर प्याज का दाम बहुत तेजी से बढता है तो समझिए मुसीबत आने वाली है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
No abusive language please