कोई इंसान जन्म से अपराधी नहीं बनता लेकिन समय और हालात उसे अपराधी बना देता है। सुक्खा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
जालंधर-लुधियाना हाईवे पर गौंडर गैंग की तरफ से गत बुधवार को बेरहमी से मारे गए सुखबीर सिंह काहलवां उर्फ सुक्खा काहलवां की सच्चाई कुछ और ही थी।
सुक्खा के नाना परमजीत सिंह ने बताया कि सुक्खा भी बाकी लड़कों की तरह सीधा साधा लड़का था। 10वीं कक्षा में पढ़ते समय सुक्खा भी अन्य युवकों की तरह विदेश जाने के सपने को दिल में संजोकर बैठा था कि वह भी जहाज में बैठकर अमरीका जाएगा।
इसी बीच गांव में 2 लोगों की आपसी लड़ाई हुर्इ और उस लड़ाई में सुक्खा का नाम नाजायज तौर पर लिखा दिया गया और पुलिस केस बन गया, जिस कारण सुक्खा को काफी परेशान किया गया।
इतना ही नहीं उसका पासपोर्ट तक रुक गया, जिस कारण उसका अमरीका जाने का सपना टूट गया। अमरीका ना जाने के कारण सुक्खा अंदर ही अंदर घुटता रहा। इसी परेशानी के चलते वह अक्सर लड़ाई झगड़े करने लगा और देखते ही देखते सुखबीर सिंह सुक्खा से शार्प शूटर सुक्खा काहलवा बन गया। -सौजन्य: पंजाबकेसरी
जालंधर-लुधियाना हाईवे पर गौंडर गैंग की तरफ से गत बुधवार को बेरहमी से मारे गए सुखबीर सिंह काहलवां उर्फ सुक्खा काहलवां की सच्चाई कुछ और ही थी।
सुक्खा के नाना परमजीत सिंह ने बताया कि सुक्खा भी बाकी लड़कों की तरह सीधा साधा लड़का था। 10वीं कक्षा में पढ़ते समय सुक्खा भी अन्य युवकों की तरह विदेश जाने के सपने को दिल में संजोकर बैठा था कि वह भी जहाज में बैठकर अमरीका जाएगा।
इसी बीच गांव में 2 लोगों की आपसी लड़ाई हुर्इ और उस लड़ाई में सुक्खा का नाम नाजायज तौर पर लिखा दिया गया और पुलिस केस बन गया, जिस कारण सुक्खा को काफी परेशान किया गया।
इतना ही नहीं उसका पासपोर्ट तक रुक गया, जिस कारण उसका अमरीका जाने का सपना टूट गया। अमरीका ना जाने के कारण सुक्खा अंदर ही अंदर घुटता रहा। इसी परेशानी के चलते वह अक्सर लड़ाई झगड़े करने लगा और देखते ही देखते सुखबीर सिंह सुक्खा से शार्प शूटर सुक्खा काहलवा बन गया। -सौजन्य: पंजाबकेसरी
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