कई हज़ार साल पुरानी बात है एक महान देश के महान सम्राट का महान दरबार लगा हुआ था | पूरे देश के महान लोग वहाँ मंत्रणा कर रहे थे | विषय बहुत ही गंभीर था, एक मौलवी ने एक हिन्दू लड़की का बलात्कार करके उसका धर्म परिवर्तन कर दिया था और सभी हिन्दू चाहते थे कि मुस्लिमों के विरुद्ध जंग छेड़ दिया जाए और चुन चुन कर मुस्लिमों का कत्ले आम किया जाए ताकि देश में एक भी मुस्लिम न बच पायें |
सम्राट ने सभी से सारी रिपोर्ट देखी और देश के श्रेष्ठ विलायती डॉक्टरों व विशेषज्ञों से समझा | यह सब चल ही रहा था कि एक औरत खून से लतपथ अपनी छः साल की बेटी को लेकर उपस्थित हुई |
"महाराज हम पर रहम करें महाराज... हमपर बहुत अन्याय हुआ है...."
"ये कौन है और इसे अन्दर किसने आने दिया ?" सम्राट दहाड़े
"महाराज मेरी बच्ची की इज्ज़त लूट ली सरपंच के लड़के ने महाराज....." औरत ने अपना दुखड़ा सुनाना चाहा |
अरी निर्लज्ज अपनी बेटी को सम्भाल नहीं सकती तो पैदा क्यों किया ? सरपंच के लड़के पर इल्जाम लगाती है ? वह सरपंच जो दिन में पाँच बार गीता पड़ता है ? जो मुस्लिमों का कट्टर विरोधी है ? उसका बेटा ऐसा काम कर सकता है भला ?... चल भाग यहाँ से नहीं तो हवालात में डलवा दूँगा |
औरत और कुछ कहती उससे पहले पहरेदारों ने उसे और उसकी बच्ची को उठाकर बाहर फेंक दिया |
वह औरत अपनी फूटी किस्मत और बेहोश बेटी को संभालने की कोशिश ही कर रही थी कि पीछे से पहरे दार की आवाज सुनाई दी:
खबरदार ग़र दोबारा यहाँ कदम रक्खा.... कुलटा अपने धर्म के लोगों पर इल्जाम लगाती है ? शर्म नहीं आती तुझे ?
-विशुद्ध चैतन्य
सम्राट ने सभी से सारी रिपोर्ट देखी और देश के श्रेष्ठ विलायती डॉक्टरों व विशेषज्ञों से समझा | यह सब चल ही रहा था कि एक औरत खून से लतपथ अपनी छः साल की बेटी को लेकर उपस्थित हुई |
"महाराज हम पर रहम करें महाराज... हमपर बहुत अन्याय हुआ है...."
"ये कौन है और इसे अन्दर किसने आने दिया ?" सम्राट दहाड़े
"महाराज मेरी बच्ची की इज्ज़त लूट ली सरपंच के लड़के ने महाराज....." औरत ने अपना दुखड़ा सुनाना चाहा |
अरी निर्लज्ज अपनी बेटी को सम्भाल नहीं सकती तो पैदा क्यों किया ? सरपंच के लड़के पर इल्जाम लगाती है ? वह सरपंच जो दिन में पाँच बार गीता पड़ता है ? जो मुस्लिमों का कट्टर विरोधी है ? उसका बेटा ऐसा काम कर सकता है भला ?... चल भाग यहाँ से नहीं तो हवालात में डलवा दूँगा |
औरत और कुछ कहती उससे पहले पहरेदारों ने उसे और उसकी बच्ची को उठाकर बाहर फेंक दिया |
वह औरत अपनी फूटी किस्मत और बेहोश बेटी को संभालने की कोशिश ही कर रही थी कि पीछे से पहरे दार की आवाज सुनाई दी:
खबरदार ग़र दोबारा यहाँ कदम रक्खा.... कुलटा अपने धर्म के लोगों पर इल्जाम लगाती है ? शर्म नहीं आती तुझे ?
-विशुद्ध चैतन्य
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